Monday, April 7, 2008

me and my feelings......

निहारते हुए ये आँखे हुई है नम!
कभी तू एक झलक दिखालाजा सनम !!
कब तक यूँही तडपायेगा हमको!
कब तू गले से लगायेगा हमको!!
पता है तुझे तेरे बिन जी सकेंगे!
समुंदर का पानी पी सकेंगे!!
फिर क्यों दे रहा है हमको ये सजा!
तू बता दे आज हमको क्या है तेरी रजा!!
निहारते हुए.........
कभी टू एक झलक.....
व्याकुल तपन से तुझी को पुकारे !
ये बंजर पड़ी है अब तेरे सहारे!!
कि कभी तू तराश खायेगा इसपर!
उसी दिन बरस जाएगा तू इस पर !!
फ़िर खिल उठेगी ये फूलों की वादी!
हरा होगा दमन भरी होगी छाती!!
उसी दिन का मुझको भी है इंतजार !
धारा पर जिस दिन आएगी ये बाहर!!
निहारते
हुए ये आँखे हुई है नम!
कभी
तू एक झलक दिखालाजा सनम!!


this poem is dedicated to a..................!!

3 comments:

Yayaver said...

A romanticist is born today as a poet;Go ahead.

rehgujar said...

Waah Tripathiji aaj aapka naya roop dristigochar hua hain humare saamne....
Sach mein bahut hi behtareen dhang se vyakt kiya hain aapne apni bhawnaao ko....

Unknown said...

sorry yaar abhi padha nahi
baad me padhunga to pakka comment dunga
lekin tu continue rakh bro