Monday, April 7, 2008

आंखो मे अंशु और मन मे है आशा !
क़रता है मेहनत और खाता है झांषा !!
कैसे बताऊ क्या है इनकी परिभाषा!
करता है मेहनत और खाता है झांषा!!
अपने नेताओ से है मुझको निराशा!
सोचो जरा,, क्या है उनकी अभिलाषा!!
देता है उनको हर कोई दिलाषा !
नही सोचता वो उन्हिंका है खाता!!
कर दे अगर बंद देना ,'वो दाता !
कैसे जियेंगे हम सोचो मेरे भ्राता!!
आंखो मे आशु ................ !
करता है मेहनत ....................!!
कुछ तो करो हे ,मेरे विधाता !
नही रखो तुम उनकी जमीनों को प्यासा!!
सच यदि कहूँ ,बस तुम्ही हो उनकी एक आशा!
कर दो उनपर दया, हे मेरे विधाता !!
आंखो मे अंशु और मन मे है आशा!
करता है मेहनत और खाता है झांसा!!



these lines are dedicated to farmers ..........


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