कुछ तो हुआ है,वो दिखाने लगा है!
राज दिल मे था जो,वो खुलने लगा है!!
छिपाये हम उस राज को कैसे ,अदाओ हमारी जो दिखाने लगा है!!
गए हम बदल सबको लगाने लगा है!
राज दिल मी था जो वो, खुलने लगा है!!
हमने ये मन की ,कुछ तो हुआ है!
हमको है मालूम ये किसकी खाता है!!
.......दोस्तो अब मैं ख़ुद मे रहने लगा हूँ!
खुदी ख़ुद से बाते मैं करने लगा हूँ!!
नही है कोई आदि अंत इसका!
मैं एक बिन्दु बस मे रमने लगा हूँ!!
कुछ तो हुआ है, वो दिखने लगा है!
राज दिल मे था जो, वो खुलने लगा है!!
.............................................!!!!!!!!!!!!!! dil ki awaj .......................
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